“एक पिता का दर्द: बेटी की मौत के बाद हर कदम पर रिश्वत!”
बेंगलुरु में सेवानिवृत्त अधिकारी ने सोशल मीडिया पर बयां की आपबीती, पुलिसकर्मी निलंबित

बेंगलुरु: “एक पिता का दर्द: बेटी की मौत के बाद हर कदम पर रिश्वत!” अपनी इकलौती बेटी को खोने का दर्द झेल रहे एक पिता की व्यथा ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बेंगलुरु में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के. शिवकुमार ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उनकी 34 वर्षीय बेटी की मौत के बाद, उन्हें आधिकारिक कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए एम्बुलेंस चालकों, पुलिस अधिकारियों, श्मशान घाट के कर्मचारियों और यहां तक कि बृहत् बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के कर्मचारियों तक को रिश्वत देनी पड़ी। यह हृदय विदारक कहानी तेजी से वायरल हो गई, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
ब्रेन हैमरेज से हुई बेटी की मौत, फिर शुरू हुआ भ्रष्टाचार का सिलसिला
शिवकुमार ने लिंक्डइन पर साझा किए गए अपने पोस्ट में बताया कि उनकी बेटी अक्षय का 18 सितंबर, 2025 को ब्रेन हैमरेज से निधन हो गया। इस दुखद घटना के बाद, जब वे अपनी बेटी से जुड़ी औपचारिकताओं को पूरा कर रहे थे, तो उन्हें भ्रष्टाचार और असंवेदनशीलता का सामना करना पड़ा। उन्होंने लिखा, “हाल ही में मेरा इकलौता बच्चा 34 साल की उम्र में गुज़र गया। एंबुलेंस, FIR और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए पुलिस, रसीद देने के लिए श्मशान घाट, और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए BBMP दफ़्तर द्वारा खुल्लम-खुल्ला रिश्वत मांगी जा रही है।”बेटी की मौत के बाद हर कदम पर रिश्वत!
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक, हर जगह रिश्वत
शिवकुमार ने विस्तार से बताया कि कैसे उन्हें पुलिस स्टेशन में खुलेआम नकद पैसे देने पड़े, ताकि उन्हें FIR और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी मिल सके। उन्होंने पुलिस अधिकारियों की असंवेदनशीलता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें एक दुखी पिता के लिए कोई हमदर्दी नहीं थी। यहां तक कि एम्बुलेंस ड्राइवर ने भी उनकी बेटी के शव को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए 3,000 रुपये की मांग की।बेटी की मौत के बाद हर कदम पर रिश्वत!
मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने में भी उन्हें भारी संघर्ष का सामना करना पड़ा। वे पांच दिनों तक BBMP कार्यालय के चक्कर लगाते रहे, लेकिन उन्हें यह कहकर टाल दिया गया कि जाति सर्वेक्षण के कारण कोई अधिकारी उपलब्ध नहीं है। अंत में, एक वरिष्ठ BBMP अधिकारी से संपर्क करने और सरकारी शुल्क से अधिक भुगतान करने के बाद ही उन्हें प्रमाण पत्र मिला। शिवकुमार ने अपनी पोस्ट में व्यथित होकर पूछा, “क्या नारायण मूर्ति, अज़ीम प्रेमजी और मज़ूमदार, अरबों रुपये वाले ये बड़े लोग इस शहर को बचा सकते हैं।”बेटी की मौत के बाद हर कदम पर रिश्वत!
सोशल मीडिया पर आक्रोश के बाद पुलिस ने की कार्रवाई
— DCP Whitefield Bengaluru (@dcpwhitefield) October 30, 2025
यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। बेंगलुरु की व्हाइटफ़ील्ड पुलिस ने तुरंत मामले का संज्ञान लिया और जांच शुरू कर दी। पुलिस ने एक ट्वीट में जानकारी दी कि शिवकुमार के पोस्ट में बताई गई घटना के संबंध में, बेलंदूर पुलिस स्टेशन के एक पीएसआई (PSI) और एक पुलिस कांस्टेबल को तुरंत निलंबित कर दिया गया है। पुलिस विभाग ने कहा कि ऐसे अशोभनीय या अनुचित व्यवहार को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।बेटी की मौत के बाद हर कदम पर रिश्वत!
यह घटना एक बार फिर से इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे आम नागरिक को अपने सबसे दुखद समय में भी भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई ने कुछ हद तक लोगों के गुस्से को शांत किया है, लेकिन यह सवाल अभी भी बरकरार है कि ऐसी व्यवस्था कब तक जारी रहेगी।बेटी की मौत के बाद हर कदम पर रिश्वत!
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 











